AI की इंट्री से इंटरनेट यूजर्स की मुश्किलें बढ़ी

AI की इंट्री से इंटरनेट यूजर्स की मुश्किलें बढ़ी :- भारत में साइबर फ्रॉड के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है मैकवी की रिपोर्ट में साइबर फ्रॉड के बढ़ते खतरे का विस्तार से जिक्र किया गया है  इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर एक इंटरनेट यूजर को रोजाना 12 फेक मैसेज मिलते हैं स्कैम से जुड़े यह मैसेज यूजर को ईमेल टेक्स्ट और सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए मिलते हैं यह ज्यादातर स्कैम मैसेज फेक जॉब नोटिफिकेशन से जुड़े होते हैं 

इंटरनेट यूजर्स को कई फेक बैंक अलर्ट मैसेज भी मिलते हैं 64 फीदी यूजर्स इन जॉब स्कैम के चुंगल में फंसकर रह जाते हैं वहीं 52 पर यूजर बैंक अलर्ट स्कैम के विक्टिम बने हैं

इस रिपोर्ट के मुताबिक इस तरह के स्कैम में फंसने वाले यूजर स्कैम मैसेज की पहचान करने में नाकाम काम रहे हैं सर्वे में शामिल करीब 60 फीदी भारतीयों ने माना कि स्कैम मैसेज की पहचान कर पाना मुश्किल होता है 

यह मैसेज कुछ इस तरह से तैयार किए जाते हैं कि यह बैंक और कंपनियों के ऑफिशियल मैसेज ही लगते हैं सर्वे में शामिल लोगों के मुताबिक पहले फेक और स्कैम से जुड़े मैसेज की पहचान टाइपो या किसी तरह के एरर के चलते करना आसान था 

लेकिन आर्टिफिशियल टेक्नोलॉजी के बढ़ते इस्तेमाल के बाद से ही फेक मैसेज और ऑफिशियल मैसेज में अंतर करना मुश्किल हो गया है मैक फी की स्टडी से सामने आया है कि एक एवरेज भारतीय हर हफ्ते 105 मिनट केवल इसी तरह के मैसेज को रिव्यू वेरीफाई करने में लग जाता है कि मैसेज रियल है या फेक इन मैसेज के साथ एक दूसरी सिर दर्दी फोन में मौजूद एप्स की वजह से भी हो रही है 

इन एप्स को डाटा एक्सेस की परमिशन देकर लोग खुद ही अपनी निजी जानकारियों को सार्वजनिक करने का खतरा मूले रहे है एक स्टडी में दावा किया गया है कि डाटा एक्सेस के लिए परमिशन लेते हैं इस स्टडी में टॉप 100 एप्स को शामिल किया गया था जो कि और इ कार्ड जैसे एप्स के नाम है जो 12 तरह की परमिशन लेते हैं आओ के करीब 20 एप्स में से नौ 11 अलग-अलग तरह की परमिशन लेते हैं यानी प्स डाउनलोड करते वक्त यूजर्स को इन्हीं दी जा रही मंजूरियन से देखना चाहिए जिससे वह जाने अनजाने अपनी निजी जानकारियां किसी आपके हवाले ना कर दे

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top
पैसे कमाने के लिए 5 सबसे बेहतरीन कंप्यूटर कोर्स – छिपे हुए और अनजान तथ्यों का खजाना!